शास्त्रीय नृत्य व भाषाएँ
शास्त्रीय नृत्य व भाषाएँ - भारत के शास्त्रीय नृत्य अपनी तकनीकी सटीकता और सरल दिशा निर्देशों के पालन के लिए जाने जाते हैं। - नृत्य का सबसे पहला उल्लेख ‘भरतमुनि’ की प्रसिद्ध पुस्तक ‘नाट्य शास्त्र’ में मिलता है। भारत के शास्त्रीय नृत्य 1. भरतनाट्यम - भरतमुनि के नाट्यशास्त्र से जन्मी इस नृत्य शैली का विकास तमिलनाडु व उसके आस-पास के क्षेत्रों में हुआ था। - भरतनाट्यम को सबसे प्राचीन नृत्य माना जाता है। भरतनाट्यम के प्रमुख नर्तक टी बाला सरस्वती (पद्म विभूषण–1997), सोनल मानसिंह(पद्म विभूषण–2003), यामिनी कृष्णमूर्ति (पद्म विभूषण–2016), रूक्मिणी देवी, पद्मा सुब्रमण्यम, वेजयंतीमाला, लीला सैमसन, मीनाक्षी सुन्दर पिल्लई मालविका सरुक्कई। 2. कत्थक - कत्थक का नाम ‘कथिका’ अर्थात् ‘कथा’ शब्द से लिया गया है, जो भाव-भंगिमाओं तथा संगीत के साथ महाकाव्यों से ली गई कविताओं की प्रस्तुति करते थे। - यह नाट्य शैली मध्य भारत के उत्तर प्रदेश तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों में उभरा था। - इस नाट्य शैली के लखनऊ, जयपुर, रामगढ़ व बनारस प्रसिद्ध घराने हैं। कत्थक