त्योहार, महोत्सव व मेले
त्योहार, महोत्सव व मेले
त्योहार-
- त्योहार का शाब्दिक अर्थ है- प्रतिवर्ष किसी निश्चित तिथि को मनाया जाने वाला धार्मिक या सांस्कृतिक उत्सव।
- भारत में कई प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं जिन्हें हम तीन भागों में बाँटते हैं–
1. राष्ट्रीय त्योहार
2. धार्मिक त्योहार
3. मौसमी त्योहार
I. राष्ट्रीय त्योहार
- राष्ट्रीय त्योहार उन महान् ऐतिहासिक घटनाओं के दिन मनाये जाते हैं जिनका जिस दिन गौरवशाली इतिहास होता है और देश के नागरिक होने के नाते सभी धर्म के लोग इन राष्ट्रीय पर्व को मनाते हैं।
1. 15 अगस्त-
- 15 अगस्त को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, 15 अगस्त, 1947 की अर्द्धरात्रि को हमारा देश भारत, अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। इसी उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
2. 26 जनवरी-
- 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। संविधान अर्थात् नियमों और कानूनों का संकलित लेख।
3. 2 अक्टूबर
- 2 अक्टूबर को भारत में ‘गाँधी जयन्ती’ के रूप में मनाया जाता है। सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम रोल निभने वाले महात्मा गाँधी का जन्म इसी दिन वर्ष 1869 को हुआ था।
- गाँधीजी के इन्हीं विचारों के सम्मान में प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को “अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
II. धार्मिक त्योहार
- एक धार्मिक त्योहार उस धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाला विशेष महत्त्व का समय होता है।
- धार्मिक संस्कारों और त्योहारों के विज्ञान को हृदयविज्ञान के रूप में जाना जाता है।
हिन्दू धर्म के त्योहार
1. दीपावली
- दीपावली प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक पौराणिक सनातन त्योहार है।
- दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
- हिन्दू धर्म में यह सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है।
2. होली
- होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
- यह रंगों का त्योहार है, होलिका जलाने और प्रहलाद को बचाने की घटना महत्त्वपूर्ण है।
3. जन्माष्टमी
- कृष्ण जन्माष्टमी जिसे जन्माष्टमी व गोकुलाष्टमी भी कहा जाता है।
- जन्माष्टमी भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को मनाई जाती है।
4. गणेश चतुर्थी
- गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश जी का जन्म हुआ था।
- गणेश चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाई जाती है।
5. रामनवमी
- रामनवमी का त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है।
6. दशहरा
- यह त्योहार भारतीय संस्कृति के वीरता का पूजक व शौर्य का उपासक है।
- यह आश्विन शुक्ल दशमी को मनाया जाता है।
- भगवान श्री राम ने इसी दिन रावण का वध किया था।
7. रथ यात्रा
- ओडिशा के पुरी शहर में मनाया जाने वाला एक वार्षिक त्योहार है।
- यह भगवान जगन्नाथ उसके भाई बलभद्र व उनकी बहन सुभद्रा को समर्पित त्योहार है।
- यह त्योहार जून-जुलाई में मनाया जाता है।
8. रक्षाबन्धन
- इस त्योहार में बहन अपने भाई को राखी बाँधती है और भाई उसे सुरक्षित रखने का वचन देता है।
- यह त्योहार श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है।
ईसाई धर्म के त्योहार
1. क्रिसमस
- क्रिसमस ईसा मसीह/यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है।
- यह प्रत्येक वर्ष 25 दिसम्बर को मनाया जाता है।
2. गुड फ्राइडे
- गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है यह अप्रैल माह में आता है।
3. ईस्टर
- ईस्टर गुड फ्राइडे के तीसरे दिन रविवार को मनाया जाता है।
- इसी दिन ईसा मसीह पुनजीर्वित हुए थे।
इस्लाम धर्म के त्योहार
1. ईद-उल-फितर
- ईद-उल-फितर मुसलमान रमजान के एक महीने के बाद मजहबी खुशी का त्योहार मनाते हैं इसे ही ईद-उल-फितर कहा जाता है।
2. मुहर्रम
- मुहर्रम हिजरी वर्ष का पहला महिना है। इसी महीने से हिजरी वर्ष शुरू होता है।
- इस दिन कर्बला की लड़ाई में पैगम्बर मुहम्मद के नवासे (पौते) इमाम हुसैन की शहादत का शोक मनाते हैं।
3. मिलाद-उल-नबी
- मिलाद-उल-नबी पैगम्बर मुहम्मद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
जैन धर्म के त्योहार
1. महावीर जयंती
- चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को 24वें तीर्थकर और जैन धर्म के वास्तविक संस्थापक महावीर स्वामी की जयंती मनाई जाती है।
2. पर्यूषण
- पर्यूषण का शाब्दिक अर्थ है– चारों ओर से सिमट कर एक स्थान पर निवास करना।
- यह पर्व भाद्रपद माह (अगस्त-सितम्बर) में मनाया जाता है।
3. महामस्तकाभिषेक
- महामस्तकाभिषेक प्रथम जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के पुत्र बाहुबली का अभिषेक समारोह है।
- यह जैन धर्म का सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा महोत्सव है जो प्रत्येक 12 वर्ष बाद कर्नाटक के श्रवणबेलगोला में आयोजित होता है।
बौद्ध धर्म के त्योहार
1. बुद्ध पूर्णिमा
- बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालो का एक प्रमुख त्योहार है। यह वैशाख माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था।
2. ऊलंबना –
- यह त्योहार मृत आत्माओं से संबंधित है इसमें लोग दिवंगत लोगों को प्रसाद अर्पण करने के लिए कब्रिस्तान जाते हैं। इस रस्म को भूत उत्सव भी कहते हैं।
3. हेमिस गोम्पा
- लद्दाख के सबसे बड़े बौद्ध मठ हेमिस गोम्पा के नाम पर इस त्योहार का नाम भी यही रखा गया।
- यह त्योहार जून-जुलाई में 2 दिन मनाया जाता है।
4. लोसर
- यह तिब्बती बौद्ध धर्मियों का नववर्ष के रूप में मनाए जाने वाला त्योहार है।
- भारत में यह त्योहार नेपाल तथा भूटान के सीमावर्ती राज्यों में मनाया जाता है जिसमें लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश प्रमुख हैं।
- यह फरवरी-मार्च में मनाया जाता है।
3. मौसमी त्योहार
- भारत एक कृषि प्रधान देश है यहाँ की 50% से अधिक जनसंख्या खेती पर निर्भर है और इसी वजह से यहाँ के किसान धरती को अन्न की देवी मानते हैं और हर मौसम में नई फसल आने पर उत्सव मनाते हैं जैसे- पंजाब में लोहड़ी, असम में बिहू व तमिलनाडु में पोंगल।
1. लोहड़ी
- मकर संक्रांति की पूर्ण संध्या (13 व 14 जनवरी) पर पंजाब में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है।
2. पोंगल
- पोंगल तमिलनाडु का प्रमुख त्योहार है।
- इस त्योहार के अवसर पर लोग चावल, दूध और गुड़ की खीर बनाते हैं जिसे पोंगल कहते हैं।
3. ओणम
- इस त्योहार में भगवान पद्मनाभन की पूजा की जाती है।
- केरल राज्य के खेतों में नई फसल की उपज के उत्सव के रूप में ओणम का पर्व मनाया जाता है।
- यह त्योहार अगस्त-सितम्बर में मनाया जाता है।
4. बिहू
- असम राज्य का सर्वाधिक लोकप्रिय त्योहार है।
- यह नृत्य शीत काल में असम के कृषक समुदाय द्वारा मनाया जाता है।
5. मकर संक्रांति
- सम्पूर्ण उत्तर भारत में इस त्योहार को मनाया जाता है।
- यह 14 जनवरी को मनाया जाता है।
- भारत के कुछ भागों में इसे पतंग उड़ाने के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है।
6. लोसांग
- यह उत्सव सिक्किम में निवास करने वाली भूटिया और लेप्चा जनजातियों द्वारा दिसम्बर माह में सिक्किम में नववर्ष के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
7. बैसाखी
- बैसाखी का त्योहार प्रत्येक वर्ष 13/14 अप्रैल को मनाया जाता है।
- इस दिन सिख धर्म का स्थापना दिवस है क्योंकि बैसाखी के दिन सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह 1699 ई. में खालसा पंथ की स्थापना की थी।
- इस त्योहार को पंजाब व हरियाणा में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
- यह फसल कटाई का त्योहार भी है।
8. सरहुल
- झारखण्ड में मार्च-अप्रैल में संथाल, मुण्डा, हो और ओरांव जनजातियों द्वारा मनाया जाता है यह बसंत ऋतु का त्योहार भी है। इस ऋतु में साल के पेड़ पर नए फूल खिलते हैं।
9. वंगाला
- यह त्योहार मेघालय, नागालैण्ड व असम में फसल कटाई के बाद गारो जनजाति द्वारा मनाया जाता है।
- यह त्योहार सितम्बर से दिसम्बर तक मनाया जाता है यह अलग-अलग गाँवों द्वारा अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है।
10. गुडी पड़वा
- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को गुडी पड़वा का त्योहार मनाया जाता है तथा इसी दिन हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है।
- यह त्योहार गोवा, महाराष्ट्र और आन्ध्र प्रदेश में मनाया जाता है।
- गोवा में इस त्योहार को ‘संवत्सर पाडवो’ भी कहते हैं।
11. येमशे
- यह त्योहार सितम्बर माह में नागालैण्ड के पोचुरी जनजाति द्वारा मनाया जाता है।
- इस त्योहार में लड़के व लड़कियाँ अपना जोड़ीदार ढूँढ़ते हैं।
मेले व महोत्सव
1. कुम्भ मेला
- कुम्भ का अर्थ है घड़ा। अर्थात् ‘पवित्र घड़े का त्योहार’
- कुम्भ मेला भारत में चार स्थानों पर आयोजित होता है, हर 3 वर्ष बाद नए स्थान में यह नदी के तट पर आयोजित होता है।
- कुम्भ मेला हरिद्वार (उतराखण्ड), प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) नासिक (महाराष्ट्र) व उज्जैन (मध्य प्रदेश) शहरों में आयोजित होता है।
2. सोनपुर मेला
- गंगा और गंडक नदियों के संगम पर एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला।
- यह बिहार के सोनपुर में भरता है।
- प्रत्येक वर्ष कार्तिक (अक्टूम्बर-नवम्बर) महीने में 30 दिनों तक यह मेला चलता है।
3. पुष्कर मेला
- यह मेला राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर झील के किनारे आयोजित होता है।
- यह मेला कार्तिक माह (नवम्बर) में 15 दिनों तक लगता है यहाँ ऊँट, बैल अन्य पशुधन का क्रय-विक्रय किया जाता है।
4. कपिल मुनि मेला
- राजस्थान के बीकानेर में कार्तिक पूर्णिमा (नवम्बर) को लगने वाला मेला दीपदान के लिए प्रसिद्ध है।
- यह मेला बीकानेर के कोलायत झील के किनारे आयोजित होता है।
5. अंबुबाची मेला
- असम के गुहावाटी में स्थित कामाख्या मंदिर में इस मेले का आयोजन होता है।
- अंबुबाची मेला आषाढ़ (जून) माह में 4 दिनों के लिए आयोजित होता है।
6. गंगासागर मेला
- पश्चिम बंगाल के दक्षिण परगना में गंगा नदी के किनारे यह मेला लगता है।
- इस मेले की मान्यता है कि 14 जनवरी (मकर संक्रांति) के शुभ अवसर पर स्नान करने से 100 अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
7. सूरजकुण्ड मेला
- हरियाणा के फरीदाबाद में मनाया जाने वाला सूरजकुण्ड अन्तर्राष्ट्रीय शिल्प मेला फरवरी माह में अयोजित होता है।
8. माधवपुर मेला
- माधवपुर मेला गुजरात के पोरबन्दर जिले के माधवपुर गाँव में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक जीवंत सांस्कृतिक मेला है।
- यह मेला भगवान कृष्ण और रूक्मणी के विवाह का उत्सव है।
9. जोनबील मेला
- जोनबील मेला एक सदी पुराना सांस्कृतिक मेला है जो भारत के असम राज्य में मोरी गाँव में आयोजित होता है।
- जोनबील मेला एक ऐसा बाजार है जहाँ सामान बेचा नहीं जाता बल्कि सिर्फ आदान-प्रदान किया जाता है जहाँ सदियों पुरानी वस्तु विनिमय व्यापार प्रणाली अपनाई जाती है।
- यह मेला असमिया कैलेण्डर के ‘माघ’ (मध्य जनवरी) महीने में आयोजित किया जाता है।
1. शिग्मो महोत्सव
- कोंकणी भाषा में होली के त्योहार को शिग्मो कहा जाता है।
- हिन्दू समुदाय का प्रमुख महोत्सव शिग्मो/शिशिरोत्सव भारतीय राज्य गोवा में मनाया जाने वाला एक बसंत महोत्सव है।
2. मांडू महोत्सव
- यह महोत्सव मध्य प्रदेश के मांडू शहर में मनाया जाता है।
- इस महोत्सव का उद्देश्य मांडू शहर की मिश्रित ऐतिहासिक धरोहरों और संस्कृति को आधुनिक जीवंतता प्रदान करना है।
3. निमाड़ी मिर्च महोत्सव
- इस महोत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश के खरगौन जिले के कसरावद में किया जाता है।
4. काला घोड़ा आट्र्स महोत्सव
- महाराष्ट्र के मुम्बई में आयोजित होने वाला काला घोड़ा आट्र्स महोत्सव प्रतिवर्ष जनवरी-फरवरी माह में एक सप्ताह तक मनाया जाता है।
- इस महोत्सव को महाराष्ट्र में एक ऐसी जगह पर आयोजित किया जाता है जहाँ काले घोड़े की मूर्ति लगी है।
5. थाईपुसम महोत्सव
- थाईपुसम महोत्सव तमिलनाडु राज्य में तमिल समुदाय द्वारा मनाया जाता है।
- इस महोत्सव में भगवान मुरुगन की पूजा की जाती है
- यह महोत्सव प्रतिवर्ष जनवरी-फरवरी को मनाया जाता है।
6. हार्नबिल महोत्सव
- इस उत्सव का आयोजन 1 दिसम्बर को नागालैण्ड के स्थापना दिवस पर किया जाता है।
7. मकर विलक्कू महोत्सव
- मकर विलक्कू केरल के सबरीमाला अयप्पा मंदिर में मकर संक्रांति पर आयोजित एक वार्षिक महोत्सव है। इस दिन भगवान अयप्पा की केरल सहित पूरे दक्षिण भारत में विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
8. वांचुवा महोत्सव
- वांचुआ महोत्सव असम राज्य में तिवा जनजाति द्वारा अपनी अच्छी फसल की कामना के लिए इस महोत्सव को मनाते हैं।
9. फ्लेमिंगो महोत्सव
- यह महोत्सव प्रतिवर्ष आन्ध्र प्रदेश में नेल्लोर जिले में पुलीकट झील पक्षी अभयारण्य के पास सुल्लूरपेटा में मनाया जाता है।
10. बथुकम्मा महोत्सव
- बथुकम्मा महोत्सव भारत के तेलंगाना राज्य में महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक क्षेत्रीय महोत्सव है।
- तेलुगू में बथुकम्मा का अर्थ– “देवी माँ जिन्दा है।” इस बथुकम्मा को महागौरी के रूप में पूजा जाता है।
11. कलपथी रथ महोत्सव
- कलपथी रथ महोत्सव दक्षिण भारत के केरल राज्य में पलक्कड़ जिले के कलपथी गाँव में एक वार्षिक हिन्दू महोत्सव है इसका आयोजन श्री विशालाश्री समेथा श्री विश्वनाथ स्वामी मन्दिर में किया जाता है।
12. जल्लीकट्टू महोत्सव
- जल्लीकट्टू महोत्सव तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों का एक परम्परागत खेल है।
- यह महोत्सव 2000 वर्ष पुराना जिसमें बैलों से इंसानों की लड़ाई करवाई जाती है।
- यह जनवरी के माह में मनाया जाता है।
13. नुआखाई महोत्सव
- नुआखाई महोत्सव भारत में मुख्य रूप से ओडिशा व छत्तीसगढ़ में मनाया जाना वाला एक कृषि महोत्सव है।
- इस महोत्सव को गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद भाद्रपद शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है।
14. धनु यात्रा महोत्सव
- धनुयात्रा महोत्सव एक नाटक आधारित ओपन एयर नाट्य प्रदर्शन है,जो ओडिशा के बारगढ में पौष (दिसम्बर-जनवरी) माह में मनाया जाता है।
- यह महोत्सव दुनिया का सबसे बड़ा ओपन एयर थिएटर है।
Comments
Post a Comment