भारतीय विश्व धरोहर
भारतीय विश्व धरोहर
विश्व धरोहर सूची में शामिल भारत के धरोहर :-
- भारत में अब कुल 42 विश्व धरोहर संपत्तियाँ हैं, जिनमें 34 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और एक मिश्रित संपत्ति शामिल हैं।
1. अजंता की गुफाएँ - 1983
- अजंता की गुफाएँ महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास वाघोरा नदी के पास सह्याद्रि पर्वतमाला (पश्चिमी घाट) में रॉक-कट गुफाओं की एक शृंखला के रूप में स्थित हैं।
- इसमें कुल 29 गुफाएँ (सभी बौद्ध) हैं।
- यूनेस्को ने इसको वर्ष 1983 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में सम्मिलित किया गया था।
2. आगरा का किला– 1983
- यह उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है।
- यूनेस्को ने इसे वर्ष 1983 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
3. ताज महल– 1983
- ताज महल भारत में उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित है।
- यूनेस्को ने वर्ष 1983 में इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।
4. एलोरा की गुफाएँ– 1983
- ये गुफाएँ महाराष्ट्र की सह्याद्रि पर्वतमाला में अजंता की गुफाओं से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित हैं।
- इसको यूनेस्को ने वर्ष 1983 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
5. सूर्य मंदिर, कोणार्क– 1984
- सूर्य मंदिर, कोणार्क पूर्वी ओडिशा के पवित्र शहर पुरी के पास स्थित है।
- यूनेस्को ने इसको वर्ष 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
6. महाबलीपुरम में स्मारकों का समूह– 1984
- महाबलीपुरम में स्मारकों का समूह तमिलनाडु के काँचीपुरम में स्थित है।
- यूनेस्को ने इसको वर्ष 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
7. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान– 1985
- केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के भरतपुर में स्थित है। इसको भरतपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1985 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में जोड़ा गया था।
8. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान– 1985
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम राज्य में स्थित है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान भारतीय गैंडे ( एक सींग वाले गैंडे ) के लिए प्रसिद्ध है।
- वर्ष 1985 में काजीरंगा राष्ट्रीय वन को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया।
9. मानस वन्यजीव अभयारण्य– 1985
- अद्वितीय जैव विविधता और परिदृश्य से भरा मानस नेशनल पार्क, असम राज्य में भूटान-हिमालय की तलहटी में स्थित है।
- इसको यूनेस्को ने वर्ष 1985 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
10. गोवा के चर्च और कॉन्वेट– 1986
- इनका निर्माण भारत के गोवा राज्य में पुर्तगाली शासनकाल में हुआ था।
- इसको यूनेस्को ने वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
11. हम्पी में स्मारकों का समूह– 1986
- चौदहवीं शताब्दी के दौरान मध्यकालीन भारत के महानतम साम्राज्यों में से एक विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी, कर्नाटक राज्य में स्थित है। इसकी स्थापना हरिहर और बुक्का ने 1336 ई. में की थी।
- यूनेस्को ने इसको वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
12. फतेहपुर सीकरी– 1986
- 16 वीं सदी में मुगल सम्राट अकबर ने उत्तर प्रदेश के आगरा के पास फतेहपुर सीकरी में अपनी राजधानी का निर्माण करवाया था।
- यूनेस्को ने फतेहपुर सीकरी को वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया था।
13. खजुराहो के स्मारकों का समूह– 1986
- खजुराहो, प्राचीन खरज्जुरावाहक मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है।
- खजुराहो के मंदिर अपनी वास्तुकलात्मक कला के लिए विश्वविख्यात है।
- खजुराहो के स्मारकों के समूह को वर्ष 1986 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।
14. सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान– 1987
- सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है।
- सुंदरबन का नाम यहाँ पाए जाने वाले सुंदरी नाम के वृक्ष की वजह से पड़ा है।
- यूनेस्को ने इसे वर्ष 1987 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
15. एलिफेंटा की गुफाएँ– 1987
- एलीफेंटा की गुफाएँ महाराष्ट्र में एलीफेंटा द्वीप में स्थित हैं।
- एलिफेंटा की गुफाएँ 7 गुफाओं का सम्मिश्रण हैं, जिनमें से सबसे महत्त्वपूर्ण है- महेश मूर्ति गुफा।
- यूनेस्को ने वर्ष 1987 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
16. पत्तदकल के स्मारकों का समूह– 1987
- यह कर्नाटक में मालप्रभा नदी के पास स्थित है।
- यह प्रसिद्ध विश्व विरासत स्थल 10 बड़े मंदिरों का समूह है, जिनमें से प्रत्येक में रोचक वास्तुकलात्मक विशेषताएँ हैं।
- यूनेस्को ने इस स्थान को वर्ष 1987 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
17. महान जीवित चोल मंदिर– 1987, 2004
- ये मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित हैं।
- यूनेस्को ने 1987 में बृहदेश्वर मन्दिर को विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया। फिर बाद में, यूनेस्को द्वारा 2004 में गंगईकोंड चोलपुरम मंदिर और ऐरावतेश्वर मंदिर को विश्व विरासत स्थल के रूप में शामिल किया।
18. नंदा देवी एवं फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान– 1988, 2005
- यह भारत के उत्तराखंड राज्य में नंदा देवी की पहाड़ी पर स्थित है।
- वर्ष 1988 में यूनेस्को ने नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान को विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया। तथा फूलों की घाटी को 2005 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया।
19. साँची का बौद्ध स्तूप– 1989
- साँची का स्तूप मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के साँची में स्थित है।
- साँची, जिसे काकानाया, काकानावा, काकानाडाबोटा तथा बोटा श्री पर्वत के नाम से प्राचीन समय से जाना जाता था।
- यूनेस्को ने वर्ष 1989 में साँची के स्तूप को विश्व विरासत स्थल के रूप में शामिल किया।
20. हुमायूँ का मकबरा– 1993
- दिल्ली स्थित हुमायूँ का मकबरा महान मुगल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है।
- यूनेस्को ने इसे वर्ष 1993 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
21. कुतुब मीनार– 1993
- दिल्ली के अंतिम हिन्दू शासक की पराजय के तत्काल बाद 1193 ई. में कुतुबुद्धीन ऐबक द्वारा इसे 73 मीटर ऊँची विजय मीनार के रूप में निर्मित कराया गया।
- यूनेस्को ने क़ुतुब मीनार को वर्ष 1993 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
22. भारत की पर्वतीय रेलवे– 1999, 2005, 2008
- यूनेस्को ने भारत की तीन प्रमुख पर्वतीय रेलवे को विश्व धरोहर स्थलों के रूप में शामिल किया।
- ये तीन प्रमुख रेलवे – दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका – शिमला रेलवे और नीलगिरि पर्वतीय रेलवे हैं।
I. दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे– 1999
- दार्जिलिंग भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है और यह रेलवे सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच संचालित है।
- इसे 1999 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया।
II. नीलगिरि माउंटेन रेलवे– 2005
- यह एक सिंगल ट्रैक रेलवे है जो तमिलनाडु की नीलगिरि की पहाड़ियों पर स्थित है।
- इसे 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया।
III. कालका-शिमला रेलवे– 2008
- हिमाचल प्रदेश में स्थित इस पर्वतीय रेलवे को 1903 में शुरू किया गया था। यह रेलवे कालका और शिमला के बीच चलती है।
- इसे यूनेस्को द्वारा 2008 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया।
23. महाबोधि मंदिर परिसर– 2002
- बिहार के बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा करवाया गया था।
- यूनेस्को ने इसे वर्ष 2002 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
24. भीमबेटका पाषाण आश्रय– 2003
- भीमबेटका की गुफाएँ मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में हैं।
- भीमबेटका का अर्थ है– भीम के बैठने का स्थान।
- यूनेस्को ने इसे वर्ष 2003 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
25. चंपानेर – पावागढ़ पुरातत्व उद्यान– 2004
- पावागढ़ पुरातत्व उद्यान, भारत के गुजरात राज्य के पंचमहल जिले में स्थित है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2004 में गुजरात के चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान (आर्कियोलॉजिकल पार्क) को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
26. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (विक्टोरिया टर्मिनस)– 2004
- महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित छत्रपति शिवाजी टर्मिनस एक ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन है।
- यूनेस्को ने इस स्टेशन को वर्ष 2004 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
27. लाल किला– 2007
- लाल किला भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है और इसका निर्माण मुगल शासक शाहजहाँ ने करवाया था।
- यूनेस्को ने इस किले को वर्ष 2007 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
28. जंतर– मंतर– 2010
- राजस्थान के जयपुर में स्थित जंतर मंतर का निर्माण राजा सवाई जय सिंह-द्वितीय द्वारा करवाया था।
- यूनेस्को ने इसे वर्ष 2010 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
29. पश्चिमी घाट– 2012
- पश्चिमी घाट को सह्याद्रि के नाम से भी जाना जाता है।
- यूनेस्को ने 2012 में इस स्थल को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
30. राजस्थान के पहाड़ी किले– 2013
- राजस्थान के पहाड़ी किले में छह किले – चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, रणथंभौर, आमेर, जैसलमेर और गागरोण हैं। यूनेस्को ने इनको वर्ष 2013 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
31. ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान– 2014
- यह भारत में हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लु जिले में स्थित है।
- यूनेस्को ने इसे वर्ष 2014 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
32. रानी की वाव (रानी की बावड़ी)– 2014
- गुजरात के पाटन जिले में स्थित रानी की वाव जल संरक्षण की प्राचीन परंपरा का अनूठा उदाहरण है।
- यूनेस्को ने इसको वर्ष 2014 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
33. नालंदा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय)– 2016
- नालंदा भारत के बिहार राज्य में स्थित है।
- यूनेस्को ने इसको वर्ष 2016 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
34. कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान–2016
- कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान सिक्किम में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान और जैवमंडल रिज़र्व है।
- इसे जुलाई 2016 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था, जो भारत का पहला और एकमात्र ‘मिश्रित धरोहर’ स्थल है।
36. ली कार्बुज़ियर का वास्तुशिल्प कार्य (कैपिटल कॉम्प्लेक्स)– 2016
- ली कार्बूजियर ने चंडीगढ़ में कॉम्पलेक्स के अलावा गवर्मेंट म्यूजियम एवं आर्ट गैलरी, चंडीगढ़ आर्किटेक्चर कॉलेज का भी डिज़ाइन तैयार किया है।
- यूनेस्को ने 2016 में चंडीगढ़ में स्थित ली कार्बुज़ियर के वास्तुशिल्प कार्य को विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया है।
36. अहमदाबाद– 2017
- गुजरात में स्थित अहमदाबाद शहर एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और स्थापत्य कला का विरासत शहर है।
- इस ऐतिहासिक शहर को यूनेस्को ने वर्ष 2017 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया।
37. विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको एन्सेम्बल्स– 2018
- महाराष्ट्र में मुंबई शहर की ‘विक्टोरियन गोथिक’ और ‘आर्ट डेको’11वीं सदी के विक्टोरियन नियो गोथिक सार्वजनिक भवनों और 20वीं सदी के आर्ट डेको भवनों का एक संग्रह है।
- यूनेस्को ने इसको वर्ष 2018 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया है।
38. जयपुर शहर– 2019
- जयपुर नगर (चहारदिवारी वाला नगर) की स्थापना वर्ष 1727 में सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा की गई थी।
- गुलाबी शहर जयपुर को जुलाई 2019 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है।
39. काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर (रामप्पा मंदिर)– 2021
- तेलंगाना के मुलुगु ज़िले में स्थित रुद्रेश्वर मंदिर (जिसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है) को यूनेस्को (-NESCO) की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया है।
- यूनेस्को द्वारा इसे वर्ष 2021 में विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।
40. धोलावीरा सभ्यता– 2021
- धोलावीरा भारत में हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े और सबसे प्रमुख पुरातात्विक स्थलों में से एक है, जो गुजरात के कच्छ जिले की भचाऊ तालुका के खदिरबेट में स्थित है। धौलावीरा स्थल की खोज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जे.पी. जोशी ने 1967-68 में की थी।
- यूनेस्को द्वारा इसे वर्ष 2021 में विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।
41. शांति निकेतन– 2023
- पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में स्थित शांति निकेतन यहाँ रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ‘विश्व भारती विश्वविद्यालय’ की स्थापना की थी।
- शांति निकेतन में छातीमताला, अमर कुटीर व रवीन्द्र भारती म्यूजियम महत्त्वपूर्ण है।
- यूनेस्को ने 2023 में इस स्थल को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है।
42. होयसलों के पवित्र समूह (होयसल मंदिर समूह)– 2023
- होयसल मंदिर समूह 12वीं और 13वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान निर्मित होयसल साम्राज्य की अद्धितीय वास्तुकला और कलात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित करते हैं।
- होयसल के मंदिर समूह में कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुर के प्रसिद्ध मंदिर है–
- यूनेस्को ने 2023 में इस स्थल को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है।
भारतीय मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत
1. वैदिक मंत्रोच्चारण की परंपरा– 2008
- वेदो को ज्ञान का मूल स्रोत और हिंदू धर्म की पवित्र नींव माना जाता है।
- वेद चार प्रकार के होते हैं:
1. ऋग्वेद
2. सामवेद
3. यजुर्वेद
4.अथर्ववेद
- वैदिक मंत्रोच्चारण की परम्परा को यूनेस्को ने वर्ष 2008 में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
2. रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन– 2008
- रामलीला का शाब्दिक अर्थ है–"राम का खेल"(नाटक) रामायण का यह मंचन रामचरितमानस पर आधारित है जो दशहरा के उत्सव पर पूरे उत्तर भारत में इसका प्रदर्शन किया जाता है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2008 में रामलीला रामायण का पारम्परिक प्रदर्शन को मानवता की अमूर्त सांस्कतिक विरासत में शामिल किया।
3. कुटियाट्टम, संस्कृत रंगमंच– 2008
- यह केरल में प्रचलित भारत की सबसे पुरानी जीवित नाट्य परंपराओं में से एक है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2008 में कुटियाट्टम, संस्कृत रंगमंच को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
4. रम्माण, भारत के गढ़वाल हिमालय का धार्मिक त्योहार और अनुष्ठान रंगमंच– 2009
- रम्माण एक लोक प्रदर्शन है यह प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में उत्तराखण्ड के चमोली जिले में सालूर-डूंगर गाँवों में संरक्षण देवता, भूमियाल देवता (स्थानीय देवता) के सम्मान में उत्सव का आयोजन होता हैं।
- यूनेस्को ने वर्ष 2009 में इस रंगमंच को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
5. मुडियेट्टू, केरल का धार्मिक रंगमंच और नृत्य नाटिका– 2010
- मुडियेट्टू केरल की अनुष्ठानिक नाट्य शैली है जो काली देवी और दारिक नामक दुष्ट राजा के बीच हुए युद्ध की पौराणिक कथा पर आधारित है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2010 में इसको मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
6. राजस्थान के कालबेलिया लोक गीत और नृत्य– 2010
- कालबेलिया नृत्य राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है यह नृत्य कालबेलिया (सपेरा) जाति के द्वारा किया जाता है। इस नृत्य की प्रसिद्ध नृत्यगंना 'गुलाबो देवी' है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2010 में इस नृत्य शैली को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
7. छऊ नृत्य– 2010
- इस नृत्य शैली का उद्भव पश्चिम बंगाल, झारखण्ड व ओडिशा में हुआ था।
- छऊ नृत्य को 2010 में यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
8. लद्दाख का बौद्ध जप: ट्रांस-हिमालयी लद्दाख क्षेत्र, जम्मू और कश्मीर, भारत में पवित्र बौद्ध ग्रंथों का पाठ– 2012
- लद्दाख क्षेत्र के मठों और गाँवों में बौद्ध पुजारी बुद्ध की भावना दर्शन और भिक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले पवित्र ग्रन्थों का जाप करते हैं।
- यूनेस्को ने वर्ष 2012 में लद्दाख का बौद्ध जप को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
9. मणिपुर का संकीर्तन, अनुष्ठान गायन, ढोल बजाना और नृत्य– 2013
- मणिपुर के संकीर्तन में मणिपुर के मैदानी इलाको के वैष्णव लोगों के जीवन के धार्मिक अवसरों की कला शामिल है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2013 में मणिपुर का संकीर्तन को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
10. जंडियाला गुरु, पंजाब, भारत के ठठेरों के बीच बर्तन बनाने का पारंपरिक पीतल और ताँबे का शिल्प– 2014
- पंजाब में जंडियाला गुरु के ठठेरों का शिल्प पंजाब में पीतल और तांबे के बर्तन बनाने की पारंपरिक पद्धति है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2014 में इस पारस्परिक पद्धति को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
11. योग– 2016
- योग स्वयं व्याख्यात्मक है। यह सदियों पुरानी भारतीय प्रथा मन, शरीर और आत्मा को जोड़ती है।
- हर साल 21 जून को दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाती है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2016 में योग को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
12. नवरोज़– 2016
- नवरोज़, जो भारत सहित कई देशों में मनाया जाता है, एक नए साल की शुरुआत का जश्न मनाता है और विभिन्न प्रकार के संस्कारों, समारोहों और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जो लगभग दो सप्ताह तक चलता है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2016 में नवरोज को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
13. कुंभ मेला– 2017
- कुंभ मेला तीर्थयात्रियों का दुनिया का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जमावड़ा है, जिसके दौरान लोग पवित्र नदी में स्नान या डुबकी लगाते हैं।
- हर चार साल में, यह कार्यक्रम इलाहाबाद, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित किया जाता हैं।
- यूनेस्को ने वर्ष 2017 में कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
14. कोलकाता में दुर्गा पूजा– 2021
- दुर्गा पूजा एक वार्षिक त्योहार है जो सितम्बर-अक्टूबर में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में बंगाली प्रवासियों द्वारा मानाया जाता है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2021 में दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया।
15. गरबा नृत्य– 2023
- गरबा एक गुजराती लोक नृत्य है जो नवरात्रि में 9 दिनों तक मनाया जाता है।
- यूनेस्को ने वर्ष 2023 में गरबा नृत्य को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया है।
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